जैसा कि हम सभी जानते है, कि भारत में कुल 28 राज्य है और एक राज्य में कई जिले होते है | सभी राज्यों में जिलों की संख्या अलग-अलग है | प्रत्येक जिले को कई तहसीलों में विभाजित किया गया है और प्रत्येक तहसील का एक प्रभारी होता है, जिसे तसीलदार कहते है |
एक तहसीलदार अपने तहसील का राजस्व प्रभारी होता है, हालाँकि कई राज्यों में इन्हें तालुकादार भी कहा जाता है और कहीं-कहीं इन्हें कर अधिकारी के रूप में भी जाना जाता है | तहसीलदार का मुख्य कार्य राजस्व वसूलना होता है | तहसीलदार क्या होता है, Tehsildar कैसे बने, सैलरी, योग्यता, कार्य व अधिकार के बारें में आपको यहाँ विस्तार से जानकारी दे रहे है|
तहसीलदार कैसे बने (How to Become Tehsildar)
किसी भी जिले में तहसीलदार का पद बहुत ही प्रतिष्ठित पद होता है | तहसीलदार के 50 प्रतिशत पदों पर अभ्यर्थियों का चयन सीधी भर्ती द्वारा तथा 50 प्रतिशत पद पदोन्नति द्वारा भरे जाते हैं |
पदोन्नति के पदों में से पांच प्रतिशत भू-अभिलेख निरीक्षक, पांच प्रतिशत भू-प्रबन्ध निरीक्षक तथा तीन तीन प्रतिशत पद उपनिवेशन निरीक्षकों से नियुक्त किये जानें का प्रावधान है | तहसीलदार के कुछ पदों में 85 प्रतशित पद पदोन्नति से भरे जाते है |
तहसीलदार बननें हेतु शैक्षिक योग्यता (Tehsildar Educational Qualification)
तहसीलदार बनने के लिए आवेदक को किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से किसी भी विषय में स्नातक (Graduate) या समकक्ष होना आवश्यक है, इसके साथ ही अभ्यर्थियों को सम्बन्धित राज्य की आधिकारिक क्षेत्रीय भाषा का ज्ञान होना अनिवार्य है |
तहसीलदार बननें हेतु आयु (Age Limit)
तहसीलदार बननें हेतु अभ्यर्थी की आयु 21 से 42 वर्ष होना आवश्यक है | आरक्षित वर्ग के अंतर्गत अभ्यर्थियों को आयु में सरकारी नियमानुसार छूट प्रदान की जाती है |
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तहसीलदार बननें हेतु चयन प्रक्रिया (Tehsildar Selection Process)
तहसीलदार बननें हेतु अभ्यर्थी को चयन प्रक्रिया के अंतर्गत तीन चरणों में सम्मिलित होना होता है, जो इस प्रकार है –
- जाँच परीक्षा (Screening Test)
- मुख्य परीक्षा (Main Exam)
- साक्षात्कार (Interview)
1.जाँच परीक्षा (Screening Test)
इस परीक्षा का आयोजन उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा किया जाता है | जाँच परीक्षा में सामान्य अध्ययन प्रथम और सामान्य अध्ययन पेपर द्वितीय दो प्रश्न पत्र होते है | जिसमें वैकल्पिक प्रश्न पूछे जाते है | इसके अंक परीक्षा के अंक ओवर आल अंकों में नहीं जोड़े जाते हैं | दोनों प्रश्न पत्र 200+200 = 400 अंक के होते है, प्रत्येक प्रश्न पत्र के लिए दो घंटे का समय निर्धारित होता है | यदि आप पहले पेपर के मूल्यांकन के आधार पर उस वर्ष के कट-ऑफ मार्क्स प्राप्त कर लेते है, तो आपको मुख्य परीक्षा में सम्मिलित किया जायेगा |
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जाँच परीक्षा पाठ्यक्रम (Screening Test Syllabus)
प्रथम प्रश्न पत्र
- भारत और विश्व का भूगोल: प्राकृतिक, सामाजिक और आर्थिक भूगोल |
- भारतीय राजनीति और प्रशासन: संविधान, राजनीतिक प्रणाली, पंचायती राज, लोक नीति, अधिकारों के मुद्दे |
- राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की वर्तमान घटनाएँ |
- भारत और भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का इतिहास |
- सामान्य विज्ञान |
- पर्यावरण पारिस्थितिकी, जैव विविधता और जलवायु परिवर्तन पर ज्वलंत मुद्दे |
- आर्थिक और सामाजिक विकास: सतत विकास गरीबी समावेशन, जनसांख्यिकी, सामाजिक क्षेत्र की पहल आदि |
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द्वितीय प्रश्न पत्र
- बोधगम्यता (Comprehension Skills) |
- पारस्परिक कौशल वसंचार कौशल |
- तार्किक शक्ति और विश्लेषणात्मक क्षमता |
- निर्णय लेने और समस्या को सुलझाने की क्षमता |
- सामान्य मानसिक योग्यता |
- सामान्य अंग्रेजी (कक्षा 10 स्तर) |
- सामान्य हिंदी (कक्षा 10 स्तर) |
- प्रारंभिक गणित के अंकगणित, बीजगणित, ज्यामिति और सांख्यिकी (कक्षा 10 स्तर) |
2.मुख्य परीक्षा (Main Exam)
मुख्य परीक्षा में 4 पेपर अनिवार्य रूप से होते है, जो इस प्रकार है –
प्रश्न पत्र | अंक | समय |
सामान्य अध्ययन पेपर -I | 200 | 2 घंटे |
सामान्य अध्ययन पेपर- II | 150 | 2 घंटे |
सामान्य हिंदी | 200 | 3 घंटे |
निबंध | 150 | 3 घंटे |
मुख्य परीक्षा पाठ्यक्रम (Main Exam Syllabus)
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र –I पाठ्यक्रम
- भारत का इतिहास से सम्बंधित प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक के अंतर्गत आधुनिक इतिहास में उन्नीसवीं सदी के मध्य के भारत और भारतीय संस्कृति के इतिहास के विषय में अधिक ध्यान देना होगा |
- भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन और भारतीय संस्कृति |
- भारतीय संदर्भ मेंजनसंख्या , पर्यावरण और शहरीकरण |
- विश्व भूगोल, भारत का भूगोल और इसके प्राकृतिक संसाधन |
- राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की वर्तमान घटनाएँ |
- भारतीय कृषि, व्यापार और वाणिज्य |
- उत्तर प्रदेश के विषय में विशिष्ट ज्ञान जैसे– प्रदेश की शिक्षा, संस्कृति, कृषि, व्यापार , वाणिज्य, सामाजिक रीति-रिवाजों आदि से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाते है |
- राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय वर्तमान घटनाओं पर प्रश्न रहेंगे तथा खेलकूद से सम्बंधित प्रश्न भी पूछे जाते है |
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र –II पाठ्यक्रम
- भारतीय राजनीति के अंतर्गत – भारत और भारतीय संविधान में राजनीतिक प्रणाली |
- भारतीय अर्थव्यवस्था के अंतर्गत भारत में आर्थिक नीति |
- सामान्य विज्ञान से सम्बंधित भारत के सन्दर्भ में विज्ञान और प्रौद्योगिकी कीभूमिका और उसके प्रभाव |
- सामान्य मानसिक योग्यता |
- सांख्यिकीय विश्लेषण, रेखांकन और चित्र सांख्यिकीय विश्लेषण, रेखांकन और चित्र को समझने की शक्ति |
निबंध लेखन (Essay Writing)
निबंध के प्रश्न पत्र में तीन भाग होते है, अभ्यर्थी को प्रत्येक भाग से एक टॉपिक का चयन कर प्रत्येक टॉपिक पर 700 शब्दों में निबंध लिखना है, तीनों भागो से पूछे जानें वाले टॉपिक इस क्षेत्र से सम्बंधित होंगे |
भाग 1- (1) साहित्य और संस्कृति (2) सामाजिक क्षेत्र (3) राजनीतिक क्षेत्र |
भाग 2- (1) विज्ञान, पर्यावरण और प्रौद्योगिकी (2) आर्थिक क्षेत्र (3) कृषि, उद्द्योग और व्यापार. |
भाग 3- (1) राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय घटना (2) प्राकृतिक आपदा– लैंड स्लाइड, भूकंप, बाढ़ , सूखा आदि (3) राष्ट्रीय विकास कार्यक्रम और परियोजनाएँ |
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सामान्य हिंदी पाठ्यक्रम (General Hindi Syllabus)
1.दिए हुए गद्य खंड का अवबोध (Comprehension) और प्रश्नोत्तर |
2.संक्षेपण (Precise Writing) |
3.सरकारी एवं अर्ध सरकारी पत्र लेखन, तार लेखन, कार्यालय आदेश, अधिसूचना, परिपत्र |
4.शब्द ज्ञान एवं प्रयोग से सम्बंधित –
- उपसर्ग एवं प्रत्यय प्रयोग |
- विलोम शब्द |
- वाक्यांश के लिए एक शब्द |
- वर्तनी एवं वाक्य शुद्धि |
- लोकोक्ति एवं मुहावरे |
वैकल्पिक विषय (Optional Subject)
मुख्य परीक्षा में दो प्रश्न पत्र आपको वैकल्पिक विषय के रूप में लेने होंगे | प्रत्येक वैकल्पिक विषय में दो प्रश्न पत्र होंगे, दोनों का पूर्णांक 400 अंको का होता है, वैकल्पिक विषय इस प्रकार है –
कृषि, जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान, भौतिकी, गणित, भूगोल, अर्थशास्त्र, सामाजिक विज्ञान, दर्शनशास्त्र, भूगर्भशास्त्र, मनोविज्ञान, वनस्पति विज्ञान, कानून,पशुपालन एवं पशु चिकित्सा विज्ञान, सांख्यिकी, प्रबंधन, राजनीतिक विज्ञान और अंतर्राष्ट्रीय संबंध, इतिहास, सामाजिक कार्य, मानवशास्त्र, सिविल इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, वाणिज्य एवं लेखा, लोक प्रशासन, कृषि इंजीनियरिंग, रक्षा अध्ययन |
3.साक्षात्कार (Interview)
साक्षात्कार का मुख्य उद्देश्य अभ्यर्थियों के व्यक्तित्व का परीक्षण करना तथा पद के अनुसार उनकी योग्यता का आकलन करना होता है | इसमें साक्षात्कार बोर्ड द्वारा आपकी जागरूकता, निर्णय लेने की क्षमता की जाँच की जाती है |
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तहसीलदार के कार्य व अधिकार (Functions & Powers of Tehsildar)
- एक तहसीलदार अपनें क्षेत्र का राजस्व प्रभारी होता है, जिसके कारण राजस्व से संबंधित सभी प्रकार के रिकॉर्ड के रखरखाव की जिम्मेदारी इन्ही की होती है |
- राजस्व से संबंधितकार्यों के आलावा विवादित भूमि का निपटारा करनें के साथ ही उसका आवंटन का अधिकार भी तहसीलदार के पास होता है |
- तहसीलदार के चार्ज में एकत्र होनें वाले सरकारी धन को सुरक्षित रखना भी इन्ही का कार्य है |
- तहसीलदार को अपनें क्षेत्र से सम्बंधित मुकदमों की पूरी जानकारी रखनी होती है |
- तहसीलदार अपनें क्षेत्र के अंतर्गत कार्य करनें वाले लेखपालो और क़ानूनगो के कार्यों का निरीक्षण करना होता है |
- तहसीलदार का सबसे मुख्य कार्य राजस्व की वसूली करना होता है |
तहसीलदार का वेतन (Tahsildar Salary)
सातवें वेतन आयोग के बाद से तहसीदार को 57,054 से 1,01,772 रुपये तक वेतन प्राप्त होता है | इसके अतिरिक्त विभिन्न प्रकार के भत्ते डीए, एचआरए, आदि शामिल होते हैं | अलग-अलग राज्यों में तहसीलदार के पद पर वहां निर्धारित व लागू वेतनमान के अनुसार सैलरी दी जाती है |
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तहसीलदार बनने हेतु महत्वपूर्ण टिप्स (Important Tips to Become Tehsildar)
1.राज्य से सम्बंधित अच्छी जानकारी (Good Information Related To The State)
इस परीक्षा में राज्य से संबंधित अनेक प्रश्न पूछे जाते है, इसलिए आपको उत्तर प्रदेश से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी,घटनाए आदि की बेहतर जानकारी होनी चाहिये | जैसे राज्य का इतिहास, भूगोल, अर्थव्यवस्था और राजनीतिक व सामाजिक संरचना आदि से सम्बंधित जानकारी के माध्यम से आप परीक्षा में आसानी से सफलता प्राप्त कर सकते है |
2.सामान्य ज्ञान की अच्छी जानकारी (Good knowledge of general knowledge)
लगभग सभी परीक्षाओं में सामान्य ज्ञान से सम्बंधित प्रश्न अवश्य पूछें जाते है, यदि सामान्य ज्ञान में देश-विदेश की वर्तमान और लगभग छह माह पूर्व की महत्वपूर्ण घटनाओं की जानकारी होना आवश्यक है, इसके अतिरिक्त अभ्यर्थी को समाचार पत्र और पीआईबी की वेबसाइट से पढ़ना चाहिए, सामान्य ज्ञान में करेंट अफेयर्स के भी काफी प्रश्न पूछे जाते है | इसलिए करेंट अफेयर्स की तैयारी प्रतिदिन करना आवश्यक है, जिससे निरंतर होने वाली घटनाओं पर आपकी नजर रहेगी, और करेंट अफेयर्स के प्रश्नों पर आपकी बेहतर पकड़ बन जाएगी |
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3.पुरानें प्रश्न पत्रों को हल करे (Solve Old Question Papers)
किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में सफलता प्राप्त करनें हेतु आपको पिछले वर्षो के प्रश्न पत्रों को हल करना आवश्यक है, जिससे आपको यह ज्ञात हो जायेगा कि, परीक्षा में सफलता प्राप्त करनें के लिए आपको अब कितनी तैयारी करनी है, परीक्षा में पिछले वर्षो से भी कई प्रश्न पूछे जाते है, पिछले वर्षो के प्रश्न पत्रों को हल करनें से आपकी स्पीड में भी वृद्धि होगी, जिससे परीक्षा में आपका काफी समय बचेगा और आप अधिक से अधिक प्रश्नों को हल करनें में सफल होंगे |
4.एनसीईआरटी बुक्स का प्रयोग (Use of NCERT Books)
बेसिक लेवल से सिलेबस को समझने के लिए एनसीईआरटी की किताबो का अध्ययन करना आवश्यक है, क्योंकि परीक्षा में अधिकांश सिलेबस एनसीईआरटी की किताबों से मिलता है, इसके अतिरिक्त एनसीईआरटी की बुक्स में सिलेबस काफी सरलतम भाषा में दिया होता है, जिससे आपको समझने में आसानी होगी |
5.मॉक टेस्ट द्वारा अभ्यास (Practice By Mock Test)
मॉक टेस्ट के माध्यम से किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की बेहतर तैयारी कर सकते है, मॉक टेस्ट देने से आपको परीक्षा में आने वाले प्रश्नों के लेवल की जानकारी प्राप्त हो जाएगी, इसके साथ-साथ आपकी लिखनें की गति और सब्जेक्ट पर भी अच्छी पकड़ बनेगी, परीक्षा से पूर्व अभ्यर्थियों को लगभग 10-12 मॉक टेस्ट अनिवार्य रूप से देना आवश्यक है |
6.समय प्रबंधन (Time Management)
यदि आप परीक्षा में निश्चित रूप से सफलता प्राप्त करना चाहते है, तो आपको समय प्रबंधन पर विशेष ध्यान रखना होगा, समय प्रबंधन के अनुसार कार्य करनें से आपको तैयारी के लिए अधिक से अधिक समय मिल सकेगा और कुछ ही दिनों में आप काफी सिलेबस समाप्त कर सकते है |
7.स्टडी मटेरियल का चयन (Selection of study material)
किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में बेहतर स्टडी मटेरियल होना आवश्यक है, यदि आपके पास स्टडी मटेरियल नही है, तो आप परीक्षा की कितनी भी तैयारी कर लें, परीक्षा में सफलता नही प्राप्त कर सकते है | सही स्टडी मटेरियल के चयन हेतु अच्छे पब्लिकेशन की किताबों को पढ़ना आवश्यक है, इसके अतिरिक्त जिन लोगों नें आपसे पहले सफलता प्राप्त की है, उन लोगों से स्टडी मटेरियल के बारे में सहायता प्राप्त कर सकते है |
आरटीओ अधिकारी (RTO Officer) कैसे बने
यहाँ आपको तहसीलदार के विषय में बताया गया है | यदि आप इस जानकारी से संतुष्ट है, या फिर इससे समबन्धित अन्य जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो कमेंट करे और अपना सुझाव दे सकते है, आपकी प्रतिक्रिया का जल्द ही निवारण किया जायेगा | अधिक जानकारी के लिए hindiraj.com पोर्टल पर विजिट करते रहे |
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