दोस्तों अगर आप एसिडिटी से परेशान हैं, तो आज का हमारा यह आर्टिकल इसी पर निर्भर हैं। एसिडिटी एक मेडिकल कंडीशन है जो एसिड के अधिक उत्पादन के कारण होती है। जब पेट की गेस्ट्रिक ग्लेंड, एसिड का उत्पादन बढ़ाने लगती है तो इस स्थिति को एसिडिटी (Acidity) कहते हैं। आज हम आपको अपने आर्टिकल में इससे जुडी सभी जानकारी बताने वाले हैं। जैसे -एसिडिटी – लक्षण, उपचार और कारण आदि की सभी जानकारी को प्राप्त करने के लिए आप हमारे इस आर्टिकल को अंत तक अवश्य पढ़ें।
एसिडिटी क्या है?
ये एक मेडिकल कंडीशन हैं। जो कि सामान्य रूप से हमारा पेट हाइड्रोक्लोरिक एसिड का स्राव करता है जो खाने को पचाने और तोड़ने का काम करता है। जब कोई व्यक्ति एसिडिटी से जूझता है तो उसके शरीर में अपच, गैस्ट्रिक सूजन, हार्टबर्न, एसोफेगस में दर्द, पेट में अल्सर और पेट में जलन जैसे लक्षण दिखते हैं। हैवी भोजन करने के बाद जलन होना, एसिडिटी की पहचान होती है। हम आसान शब्दों में कह सकते हैं कि ये गलत आदतों, स्ट्रेस, धूम्रपान, शराब के सेवन, एक्सरसाइज का अभाव और खराब लाइफस्टाइल के चलते होती है। हालांकि एसिडिटी से जल्द आराम पाने के लिए कई जबरदस्त घरेलू नुस्खे भी मौजूद हैं। उन्हें अपनाकर भी एसिडिटी से आराम मिलता है।
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एसिडिटी के लक्षण क्या हैं–
एसिडिटी के सामान्य संकेत और लक्षण कुछ इस प्रकार दिखते हैं-
- पेट में जलन
- गले में जलन
- बेचैनी
- डकार आना
- जी मिचलाना
- मुंह का स्वाद खट्टा स्वाद
- खट्टी डकार
- कब्ज़
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एसिडिटी से आपके शरीर में क्या होता है–
हैवी भोजन करने के बाद जलन होना, एसिडिटी की पहचान होती है। एसिडिटी के कारण लोगों में अपच और कब्ज की समस्या होना आम है एसिडिटी के सामान्य लक्षणों में अपच, जी मिचलाना, मुंह में खट्टा स्वाद, कब्ज, बेचैनी और पेट व गले में जलन शामिल है। एसिडिटी या एसिडोसिस से शरीर में पीएच असंतुलन होता है, यह आमतौर पर तब होता है जब किडनी और फेफड़े शरीर से अतिरिक्त एसिड को निकालने में असमर्थ होते हैं।
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एसिडिटी का क्या कारण है–
- यह पेट की परत को नुकसान पहुंचाता है और एसिडिटी का कारण बनता है।
- इसका नॉन वेजिटेरियन और स्पासी फूड का सेवन करना एक बड़ा कारण हैं।
- साथ ही अत्यधिक तनाव।
- बहुत अधिक शराब का सेवन करना।
- बार-बार धूम्रपान करना।
- इसके अलावा नॉन-स्टेरायडल एंटी इन्फ्लामेट्री ड्रग जैसी दवाओं का सेवन, आदि।

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एसिडिटी का इलाज क्या है–
जैसा की हमने आपको बताया आमतौर पर एसिडिटी अधिक मसालेदार भोजन, कॉफी, अधिक मात्रा में भोजन करना और कम फाइबर युक्त भोजन करने के कारण होती है। एसिडिटी का इलाज एंटासिड की मदद से किया जाता है जिसमें मैग्नीशियम या कैल्शियम या एल्यूमीनियम युक्त यौगिक होते हैं। प्रारंभिक उपचार के लिए डॉक्टर से परामर्श करना आवश्यक हो जाता है, अन्यथा इससे ओसोफैगस में अल्सर, स्ट्रिक्टर्स और सूजन जैसी जटिलताएं हो सकती हैं। एसिडिटी जैसी स्वास्थ्य समस्या में आपके डॉक्टर आपको हिस्टामाइन ब्लॉकिंग एजेंट (H2 रिसेप्टर ब्लॉकर्स) जैसे कि cimetidine, ranitidine, famotidine या nizatidine या proton pump inhibitors जैसे omeprazole और lansoprazole लेने की सलाह दे सकते हैं। इसके अलावा केला, तुलसी, ठंडा दूध, सौंफ, जीरा, लौंग, इलायची, पुदीना या पुदीना के पत्ते, अदरक, आंवला आदि एसिडिटी के लिए बेस्ट घरेलू नुस्खे माने जाते हैं।
एसिडिटी के लिए मानक सावधानियां क्या हैं–
- खाने के बाद सीधे बिस्तर पर न जाएं। इससे भोजन वापस अन्नप्रणाली में प्रवाहित हो सकता है। ऐसे में बिस्तर में जाने से पहले कम से कम 2 घंटे का ब्रेक जरूर लें।
- मसालेदार भोजन का सेवन न करें
- अपनी डाइट में ज्यादा से ज्यादा फल और सब्जियां शामिल करें।
- तुलसी के पत्ते, लौंग, सौंफ आदि चबाएं।
- अनावश्यक रूप से दवाओं का सेवन न करें।
- अगर आपका वजन ज्यादा है तो वजन कम करने की कोशिश करें। इससे एसिडिटी कम करने में मदद मिलती है।
- अत्यधिक वसा पेट के क्षेत्र पर दबाव डालता है और गैस्ट्रिक एसिड को अन्नप्रणाली में धकेलता है।
- खाने को चबा चबाकर खाएं
- एसिड रिफ्लक्स के लिए आपको गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट को कब दिखाना चाहिए?
- दो सप्ताह से अधिक समय तक लगातार एसिडिटी के लक्षण दिखने पर
- कम भूख लगने पर
एसिडिटी का निदान कैसे किया जा सकता हैं–
पीएच मॉनिटरिंग: यह एसोफैगस में एसिड के स्तर की जांच करता है। इस दौरान डॉक्टर द्वारा अन्नप्रणाली में एक उपकरण डाला जाता है। अन्नप्रणाली में एसिड की मात्रा को मापने के लिए इसे 2 दिनों के लिए वहीं छोड़ दिया जाता है।
एसिडिटी में क्या- क्या खाना चाहिए ‘
- सलाद, गाजर, गोभी, शिमला मिर्च, खीरा, अंगूर, खरबूजा और पपीता जैसे फल
- अंडे, दूध, दही, पनीर, सोया आदि जैसे प्रोटीन युक्त आहार आदि।
- कौन सा पेय एसिडिटी के लिए सबसे अच्छा हैं ?
- कम वसा वाला या मलाई रहित दूध
- फलों का जूस
- पौधे आधारित दूध
- पानी
FAQ’s
H2 रिसेप्टर ब्लॉकर्स (हिस्टामाइन अवरोधक एजेंट) जैसे निज़ेटिडाइन, फैमोटिडाइन, रैनिटिडाइन और सिमेटिडाइन का उपयोगकरने से एसिडिटी को ठीक किया जा सकता है।
इसे आमतौर पर काउंटर पर मिलने वाली दवाओं से ठीक किया जा सकता है।
वजन कम होना या भूख कम लगना
निगलने में कठिनाई
हार्टबर्न के साथ मतली या उल्टीआदि।
किडनी फेलियर
दिल का दौरा
मनोभ्रंश (डेमेंटिया)
विटामिन की कमी।
केला, तुलसी, ठंडा दूध, सौंफ, जीरा, लौंग, इलायची, पुदीना या पुदीना के पत्ते, अदरक, आंवला आदि एसिडिटी के लिए बेस्ट घरेलू नुस्खे माने जाते हैं।
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