देश के कुछ बच्चे अपने रूचि अनुसार शिक्षक बनना चाहते हैं। जिसके लिए वह विभिन्न परीक्षाए देते है। जिनमे बहुत सी कॉम्पिटेटिव परीक्षाए होती है। इन परीक्षाओं में से आज हम आपको एक परीक्षा जिसका नाम UGC-NET(JRF) उसके बारे में बताने जा रहे हैं। तो यदि आप वह इच्छुक छात्र है जो शिक्षक बनने के लिए नेट जेआरएफ की परीक्षा देना चाहते हैं। तो वह हमारे इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
हम इस लेख में यूजीसी-नेट (जेआरएफ) फुल फॉर्म, योग्यता, आयु सीमा परीक्षा पैटर्न व चयन प्रक्रिया आदि के बारे में सब कुछ विस्तार से बताने जा रहे हैं। तो यह लेख आपके लिए काफी महत्वपूर्ण होने वाला है। आप हमारे साथ लेख को अंत तक ज़रुरु पढ़ें।
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UGC-NET(JRF) क्या है?
JRF भारत में राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाली परीक्षा है। इस परीक्षा का आयोजन हर साल 2 बार जून और दिसंबर के माह में UGC विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा किया जाता है। जिसमें UGC-NET, ICMR और CSIR के लिए अहर्ता प्राप्त अभ्यर्थी ही परीक्षा दे सकते हैं। इन परीक्षाओं में अच्छे अंकों से उत्तीर्ण होने वाले अभ्यर्थियों को JRF के लिए चयनित किया जाता है। JRF के लिए जो अभ्यर्थी चयनित होते हैं। उनको विश्वविद्यालय में M.phil/PHD करने के साथ किसी विषय में रिसर्च करने हेतु UGC की तरफ से हर माह छात्रवृत्ति (Scholarship) भी दी जाती है। अभ्यर्थी 2 साल JRF करने के बाद SRF (Senior Research Fellowship) भी कर सकते हैं और इसमें छात्रवृत्ति भी बढ़ जाती है। जिसके बाद अभ्यर्थी यह परीक्षा पास कर लेने के बाद किसी कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में नौकरी कर सकते हैं। या फिर वह UGC के फ़ेलोशिप कोर्स में हिस्सा भी ले सकते हैं।
UGC-NET(JRF) Full Form
JRF का Full Form ‘Junior Research Fellowship’ होता है। हिंदी में इसे ‘राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा कहते हैं। हम आपको बता दें कि इसे आमतौर पर UGC NET की परीक्षा के नाम से जानते हैं।
यूजीसी नेट और नेट जेआरएफ में अंतर
हम आपको बता दें कि UGC NET और NET JRF के लिए अलग-अलग एग्जाम नहीं होता है। इन दोनों के लिए एक ही एग्जाम होता है। केवल अंतर पेपर पास करने के लिए पाए गए नंबरों के प्रतिशत का है। बस JRF के लिए NET की तुलना में अधिक नंबर लाने होते हैं। उदाहरण के तौर पर समझें आगर पेपर में 50% पाने वाले को UGC NET के लिए क्वालीफाई माना जाता है तो NET JRF के लिए UGC NET पास करने वाले टॉप 6% (ये फीसद कम ज्यादा भी हो सकता है) को जूनियर रिसर्च फेलोशिप (JRF) के लिए सिलेक्ट किया जाता है।
UGC-NET(JRF) के लिए योग्यता क्या होनी चाहिए
- अभ्यर्थी की आयु 30 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- सबसे ज्यादा जरूरी है कि UGC-NET(JRF) के लिए उम्मीदवार पोस्ट ग्रेजुएट में (मानविकी, सामाजिक विज्ञान) में न्यूनतम 55 प्रतिशत अंक से होना चाहिए।
- SC/ST/OBC/Pwd और ट्रांसजेंडर अभ्यर्थियों को 5 प्रतिशत की छूट है यानी कि उन्हें न्यूनतम 50% अंक प्राप्त होने चाहिए। ।
- इच्छुक अभ्यर्थी मास्टर्स के फाइनल ईयर या फाइनल सेमेस्टर में JRF के Exam में भाग ले सकते है।
- अगर किसी अभ्यर्थी ने अपनी PHD की परीक्षा किसी प्राइवेट यूनिवर्सिटी में पूरी की होगी तो उनको फेलोशिप नहीं दी जाएगी।
- इसके साथ ही जेआरएफ क्वालिफाइड के बाद अभ्यर्थी ने 3 साल के अंदर पीएचडी में एडमिशन नहीं लिया। तो उन्हें गवर्नमेंट द्वारा फैलोशिप नहीं दी जाएगी।
UGC-NET(JRF) परीक्षा पैटर्न
जो अभ्यर्थी UGC-NET(JRF) की परीक्षा देना चाहते हैं तो उन्हें परीक्षा पैटर्न के बारे में जानकारी होनी जरूरी है कि इसमें कितने पेपर होते हैं और पेपर में किस प्रकार के विषय से प्रश्न आते हैं।
- अभ्यर्थी को 2 पेपर (पेपर-1, पेपर-2) देनी होते हैं।
- पेपर-1 में 50 प्रश्न आते हैं और पेपर-2 में 100 प्रश्न आते हैं। इस तरहां दोनों पेपर को मिलकर इसमें 150 प्रश्न होते हैं।
- पेपर-1 में जनरल एप्टीटूड से जुड़े प्रश्न होते हैं और पेपर-2 में अभ्यर्थी द्वारा चुने गए विषय से जुड़े प्रश्न आते हैं।
यूजीसी–नेट (जेआरएफ) में चयनित होने के फायदे
अगर अभ्यर्थी का UGC-NET(JRF) का एग्जाम देने के बाद सिलेक्शन हो जाता है तो उसे बहुत से फायदे जैसे-स्कालरशिप, डिग्री आदि मिलते हैं। यह नीचे फायदे निम्नलिखित इस प्रकार है।
- UGC-NET(JRF) की परीक्षा पास करने के बाद अभ्यर्थी PhD में दाखिला ले सकता है। क्योंकि PhD करने के लिए UGC-NET(JRF) को उत्तीर्ण करना ज़रूरी है।
- यदि अभ्यर्थी का JRF क्वालीफाई नहीं होता है केवल NET क्वालीफाई होता है तो उसको किसी विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में काम करने का अवसर मिलता है।
- यदि अभ्यर्थी का JRF में सिलेक्शन हो जाता है तोवह रिसर्च करने के लिए UGC द्वारा स्कालरशिप प्राप्त करने का पात्र बन जाता है।
- UGC-NET(JRF) पास करने के बाद अभ्यर्थी यदि किसी शिक्षक की नौकरी के लिए आवेदन करता है तो उसे वरीयता दी जाती है।
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Conclusion
आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको यूजीसी नेट और नेट जेआरएफ में क्या फर्क है से जुड़ी जानकारी दी है। यदि आपका इस विषय से जुड़ा कोई प्रश्न है। तो आप कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं। यदि आप सहायक प्रोफेसर के पद पर पहुंचाना चाहते हैं। तो आपको कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी क्योंकि इस परीक्षा के लिए हर साल लाखों की संख्या में विद्यार्थी बैठते हैं और यह परीक्षा काफी कठिन मानी जाती है। और पता नहीं कौन छात्र कब से इस पद के लिए मेहनत कर रहा है। इस कारण नेट पार करने के लिए कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता है। यदि आप सही रणनीति से UGC NET JRF की तैयारी करते है तो सफलता प्राप्त कर सकते है।